जनता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, सरकारी अस्पताल के बेहाल से दु:खी, मॉं तुझे सलाम' अभियान को दिया साथ
जैसलमेर / रविवार को 'मां तुझे सलाम' के कार्यकर्ताओं द्वारा जैसलमेर बन्द का आयोजन किया जो सफलतापूर्वक बंद रहा । यह एक ऐतिहासिक बन्द का आयोजन था जिसमें किसी भी राजनीतिक दल की शिरकस्त नहीं थी । जैसलमेर शहर के हर प्रतिष्ठान ने 'मां तुझे सलाम' का नारा लगा कर बंद को सफल बनाया और डाक्टरों के रिक्त पदों व सीमावर्ती जिले की एक मात्र जवाहर चिक्तिसालय में डाक्टरों को लाने के लिये, आगामी समय में भी जैसलमेरवासी 'मां तुझे सलाम' का सहयोग करने का वादा किया ।
मां तुझे सलाम के कार्यकर्ताओं ने सांझ ढले मुख्यमंत्री महोदया के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को दिया जिसमें डाक्टरों के रिक्त पद भरने , आईसीयू, ट्रोमासेंटर, सोनोग्राफी, ऐम्बुलेंस सुविधा एवं नि‘शुल्क दवाईयां और कई समस्याओं की मांग भेजी है। मां तुझे सलाम के हर कार्यकर्ता ने जैसलमेर शहर के वासियों का आभार प्रकट किया कि उन्होने बंद को सफल बनाने में उनका सहोग दिया
जिले के शहर में एक मात्र सरकारी अस्पताल जवाहर चिकित्सालय में फैली अव्यवस्था व डॉक्टरों की कमी को लेकर दुर्व्यवस्था पर, सोशल मीडिया से जन्मा गैर राजनीतिक संगठन मॉं अंबे अभियान की शुरूआत मौन जुलूस से हुई । इस जुलूस के बाद बाकायदा जिला कलक्टर को, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया । ज्ञापन में डॉक्टरों के दुर्व्यव्यहार और अस्पताल में डॉक्टरों की कमी सहित अन्य स्टॉफ व संसाधन की मांग उठाई । लेकिन न जनहित में 'मॉं तुझे सलाम' द्वारा उठाए गए मुद्दों पर किसी भी प्रकार की प्रशासनिक कार्यवाही और आश्वासन नहीं मिला तो अस्पताल की दुर्व्यवस्थाओं के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया । लेकिन फिर भी शांतिपूर्वक तरीके से उन्होंने कैंडिल मार्च निकाला जो कि जैसलमेर जिले में अभूतपूर्व था। ऐसा जोश और जज्बा किसी भी राजनीतिक दल या अन्य किसी दल ने जनता में जगाया हो ऐसा अवसर नहीं देखा । हर किसी ने 'मॉं तुझे सलाम' को सहयोग दिया । लेकिन सरकार ने सहयोग नहीं किया जिसे जनता ने चुन कर पॉवर दिया ।
प्रभारी मंत्री को दिया ज्ञापन
राज्य सरकार की उपलब्धियों की वर्षगांठ पर जिले के प्रभारी मंत्री अमराराम चौधरी जैसलमेर आए तो उनके समक्ष भी 'मॉं तुझे सलाम' ने ज्ञापन पेश किया । इस दौरान जैसलमेर के तमाम नवयुवकों और संवेदनाओं ने प्रभारी मंत्री और जिले के दोनों विधायकों को घेरा । लेकिन उनसे भी आश्वासन मिला लेकिन तत्काल एक्शन का अभाव रहा । हालांकि जिले के पूर्व विधायक, कुशल वक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता किशनसिंह भाटी ने ठोस रूप से इस प्रकरण को प्रभारी मंत्री के सामने प्रस्तुत किया । उन्होंने प्रभारी मंत्री को बताया कि, बिना किसी राजनीतिक सपोर्ट के 'मॉं तुझे सलाम' का जज्बा कैंडिल मार्च के दौरान देखा वह अभूतपूर्व था, पहले ऐसा नहीं हुआ । आपकी सरकार को तुरन्त कार्यवाही करनी होगी ।
1000 पोस्टकार्ड लिखे और बन्द का किया आह्ववान
जिले के सरकारी अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं के खिलाफ लामबन्द जैसलमेर के नवयुवकों का नया संगठन 'मॉं तुझे सलाम' के बैनर तले शनिवार को, हनुमान चौराहे पर स्थिति महात्मा गांधी के मूर्ति के आगे पोस्टकार्ड अभियान चलाया । जैसलमेर में चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ करने हेतु 1000 पोस्टकार्ड मुख्यमंत्री वसुधन्धरा राजे को लिखे गये । रविवार को जैसलमेर बन्द की अपील की गई ।
सोशल मीडिया पर हुआ व्यापक प्रचार
अक्सर सोशल मीडिया पर अंकुश लगाई जाने की मांग होती रहती है जब किसी प्रकार का कोई दंगा आदि हो जाता है । लेकिन यहां तो सोशल मीडिया ने सृजनात्मक कार्य किया है । सोशल मीडिया पर सक्रिय आशीष व्यास का सामना ऐसी ही अव्यवस्था से हुआ से हुआ जिसको उन्होंने संवेदना के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया तो, खुद—ब—खुद कारवां जुड़ता गया और रविवार को ऐतिहासिक बन्द सूबे की सरकार को क्रांति की चिन्गारी का अहसास करा गया । सोशल मीडिया ने जन जागृति पैदा की अपने अधिकारों के प्रति ।
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