Thursday, 20 November 2014

संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओं को 48 घंटे तक चिकित्सालय में ठहराव की व्यवस्था सुनिश्चित करावें - जिला कलक्टर मीना

स्वास्थ्य केन्द्रो की सफाई एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे

संस्थागत प्रसव में लाएं बढोतरी

 
जैसलमेर  /  जिला कलक्टर एन.एल. मीना ने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओ को 48 घंटे तक चिकित्सालय में ठहराव की व्यवस्था सुनिश्चित करावें एवं इसके लिए चिकित्सा अधिकारी उन्हें प्रेरित भी करें ताकि एक तरफ जहां जच्चें बच्चें स्वास्थ्य की देखरेख सही हो एवं उन्हें जननी सुरक्षा योजना का पूरा-पूरा लाभ मिलें। उन्होंने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर सफाई एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
 
उन्होंने संस्थागत प्रसव को बढाने एवं परिवार कल्याण के निर्धारित लक्ष्यों को अर्जित करने के लिए चिकित्सा अधिकारियो व जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे एएनएम , आशा सहयोगिनी आदि के द्वारा सक्रिय रूप से विशेष प्रयास करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं के टीकाकरण एवं अन्य देय चिकित्सा सुविधाओं की प्रभावी माॅनिटरिंग के लिए साॅफ्टवेयर तैयार करने के निर्देश दिए।
 
जिला कलक्टर ने चिकित्सा संस्थान पर संस्थागत प्रसव करवाने वाली सभी प्रसूताओं को जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत देय राशि के चैक समय पर प्रदान कर लाभान्वित करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
 
जिला कलक्टर मीना ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होने चिकित्सा अधिकारियो को गर्भवती महिलाओं का एएनसी पंजीकरण प्रथम तिमाही में कर शत प्रतिशत लक्ष्यों के अनुरूप उपलब्धि अर्जित करने के निर्देश दिए एवं इसके लिए एएनएम , आशा सहयोगिनी आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार कर गर्भवती महिला को चिकित्सा सुविधा का पूरा लाभ प्रदान करने पर जोर दिया। उन्होने टीकाकरण, जननी सुरक्षा, गर्भवती महिलाओं, शुभलक्ष्मी योजना के लाभार्थियों को दी जाने वाली सहायता के प्रभावी माॅनिटरिंग सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए ताकि वास्तविक स्थिति की समीक्षा आसानी से की जा सके।
   
जिला कलक्टर ने चिकित्सा अधिकारियों को सभी चिकित्सा संस्थानों पर दवाईया का रख रखाव व्यवस्थित रूप से करने एवं चिकित्सा संस्थान के दवा वितरण केन्द्र में अवधिपार दवाईयों नही रखें जाने के निर्देश दिये।
  
जिला कलक्टर मीना ने चिकित्सा विभाग व एनआरएचएम के माध्यम से माह अक्टूबर 2014 तक संचालित की गई समस्त योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि चिकित्सा अधिकारी स्वास्थ्य योजनाओं व कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन कर रिपोर्ट समय पर प्रेषित करें। उन्होने चिकित्सा अधिकारियों को कार्यक्षैत्र में होने वाली मातृ व शिशु मृत्यु की रिपोर्ट भी आवश्यक रूप से प्रेषित करने के निर्देश दिये। उन्होने चिकित्सा अधिकारियों को पीसीटीएस साॅफ्टवेयर में एएनसी, प्रसव एवं सम्पूर्ण टीकाकरण की शत् प्रतिशत लाईन लिस्टिंग करवाने के निर्देश दिये। जिला व ब्लाॅक स्तरीय चिकित्सा अधिकारियों को अधिकाधिक फील्ड विजिट करने के निर्देश दिये।
 
उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को कडे निर्देश दिए कि वे उनके ओपीडी मरीजों का 3 प्रतिशत मरीजों का स्पूकटम की जांच अनिवार्य रूप से करावें। उन्होंने हिदायत दी कि इसमें पालना कडाई से करें।
 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एन.आर. नायक एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशीष खंडेलवाल ने जिले में संचालित जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में लाभान्वित मरीजों की रिपोर्ट ,एफबीएनसी यूनिट एवं एमटीसी एवं शुभलक्ष्मी योजना एवं जननी सुरक्षा योजना की प्रगति तथा जैसलमेर जिले में स्वास्थ्य सेवाओ के प्रमुख 16 इन्डीकंटरो की स्थिति से अवगत कराया ।       
 
आयोजित बैठक में डाॅ.आर.पी.गर्ग जिला प्रजनन एवं शिशु  स्वास्थ्य अधिकारी, डाॅ डी.डी.खीची प्रमुख चिकित्सा अधिकारी जैसलमेंर, डाॅ. बी.आर. बुनकर के साथ ही जिले के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।  
                

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