Sunday, 30 November 2014

भामाशाह योजना


शून्य बैलेंस से खाते खुलवाए पर ट्रांजेक्शन नहीं

लेनदेन करने पर ही खाताधारक को मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ



जैसलमेर /  विभिन्न योजनाओं का पैसा सीधे आमजन के खाते में जमा कराने के उद्देश्य को लेकर शुरू की गई प्रधानमंत्री जन-धन और भामाशाह योजना के तहत बड़ी संख्या में बैंक खाते खोले गए, लेकिन बड़ी संख्या में खाताधारक तो पासबुक लेने और खातों में पैसा जमा कराने के प्रति उत्साह दिखा रहे है। लेकिन, अधिकांश खाताधारक इस भरोसे है कि सरकार उनके खाते में पैसा जमा करवाएगी। इसलिए उनके लिए खाते में पैसा जमा करवाकर लेनदेन करने की आवश्यकता नहीं है। इस भ्रम के चलते अधिकांश लोग खातों में एक पाई जमा नहीं करवाई है।

यह है हालत


शहर स्थित एसबीआई द्वारा खोले गए लगभग साढ़े चार सौ खातों में से आधे खाताधारकों की पास बुक बैंक की अलमारियों में पड़ी है। पंजाब नेशनल बैंक ने भी करीब छह सौ खाते खोले थे। इसमें से अस्सी फीसदी खाताधारकों को पास बुकें वितरित की जा चुकी है। लेकिन, पांच फीसदी लोगों ने खाते में पैसा जमा करवाकर लेनदेन शुरू किया है।

शून्य बैलेंस पर खाते


भामाशाह शिविरों में परिवार के मुखिया के नाम से शून्य बैलेंस पर खाते खोले थे। लेकिन, खाताधारकों ने पास बुक प्राप्त करने में रुचि नहीं दिखाई और न ही खाते में लेनदेन किया। ऐसे में कई बैंकों के आधे से अधिक खाताधारकों की पासबुक बैंकों में धूल फांक रही है और खातों में लेनदेन नहीं हो रहा है। जबकि नियमानुसार खाता खुलवाने के डेढ़ माह के भीतर खाते से लेनदेन शुरू करना जरूरी है। ऐसा होने पर संबंधित खाताधारक एक लाख रुपए का बीमा, एटीएम कार्ड, पांच हजार रुपए तक के ऋण और अन्य सरकारी योजनाओं से मिलने लाभ लेने का हकदार होगा। अन्यथा उसे देय सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ेगा।




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