जैसलमेर / भ्रष्टाचार में लिप्त तबके आरटीआई कार्यकर्ताओं की हिम्मत को पस्त करने के लिए उनके ऊपर हमले कर रहे हैं। जमीन से संबंधित सूचनाओं को उजागर करने का मामला हो तो आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या या उनके उत्पीड़न की आशंका सबसे ज्यादा है।
सूचना के अधिकार की भारी लोकप्रियता और आरटीआई कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमलों की घटनाओं की बढ़ती तादाद के बावजूद सरकार की तरफ से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिसके सहारे पता किया जा सके कि कहां कितने लोग सूचना के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर आरटीआई एक्ट के अंतर्गत वाछित सूचना मांगने के कारण कितने लोगों पर जानलेवा हमले हुए हैं।
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